विरंजक चूर्ण बुझे चूने Ca(OH)₂ पर क्लोरीन CL₂ गैस प्रवाहित करके बनाया जाता है।
Ca(OH)₂ + CL₂ → CaOCL₂ + H₂O
➤बैचमान विधि ;
यह सयंत्र एक मीनार की आकृति का होता है जिसमे बीच में लगी एक छड़ में कई चर्खिया लगी होती है। इसमें ऊपर की और से बुझा हुआ चूना वायु की सहायता से डाला जाता है तथा नीचे की और से क्लोरीन गैस तथा गर्म वायु प्रवाहित की जाती है। इस विधि में क्लोरीन तथा बूझे हुए चुने की क्रिया से ब्लीचिंग पाउडर बनता है जो नीचे के भाग से बाहर निकलता रहता है।
➤उपयोग :
1. ब्लीचिंग पाउडर विभिन्न पदार्थो में उपस्थित कुछ योगिको के साथ क्रिया करके क्लोरीन या ऑक्सीज़न बनाता है जो प्रबल ऑक्सीकारक होने के कारण उन पदार्थो के रंगो को उड़ा देती है अतः ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग विभिन्न पदार्थो (कपड़ों , फर्नीचर , कागज आदि ) के रंगो को उड़ाने में किया जाता है। इस कारन इसे विरंजक चूर्ण कहते है।
2. इसका उपयोग जीवाणुनाशक का रूप में तथा कुछ योगिको को बनाने में भी किया जाता है।
