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Sunday, July 5, 2020

➤वैद्युत अपघट्ये : वह पदार्थ जिनके जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित की जा सकती है वैद्युत अपघट्ये कहलाते है। 
HCL के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित कर सकते है , अतः HCL वैद्युत अपघट्ये है। 
 
➤वैद्युत अपघटन : किसी वैद्युत अपघट्ये के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर उसमे अपघटन होने की क्रिया वैद्युत अपघटन कहलाती है। 
HCL के जलीय विलयन विद्युत प्रवाहित करने पर अपघटन क्रिया निन्मवत होती है।  
2HCL → H₂ + CL₂


➤आयनिक सिद्धांत : स्वान्ते आरहीनियस ने 1887 में वैद्युत अपघटन की क्रिया और वैद्युत अपघट्यो के अन्य गुणों को स्पष्ट करने के लिए एक सिद्धांत प्रतिपादित किया जो वैद्युत वियोजन का सिद्धांत या आयनिक सिद्धांत कहलाता है।  इस सिद्धांत के अनुसार : 

1. किसी वैद्युत अपघट्ये को जल या किसी अन्य विलायक में घोलने पर वह दो प्रकार के विद्युत आवेशित कणो में विभाजित हो जाता है। इस क्रिया को आयनन या वैद्युत वियोजन कहते है। 

➤उदहारण - सोडियम क्लोराइड (NaCL) को जल में घोलने पर यह सोडियम आयन (Na+) तथा क्लोराइड आयनो में (CL-) में विभाजित हो जाता है। 
NaCL ⇋ Na+ + CL-



2. विद्युत आवेश युक्त परमाणु या परमाणुओं के समूह को आयन कहते है। धनावेशित परमाणु या परमाणुओं के समूह को धनायन तथा ऋणावेशित परमाणु या परमाणुओं का समूह को ऋणायन कहते है। 

3. किसी वैद्युत अपघट्ये के विलयन में उपस्थित धनायनों के आवेशों की कुल संख्या ऋणायनों के आवेशों की कुल संख्या के बराबर होती है। अर्थार्त वैद्युत अपघट्ये का विलयन विद्युत उदासीन होता है।  

4. आयनन की क्रिया उत्क्रमणीय होती है जब किसी वैद्युत अपघट्ये को घोला जाता तो वैद्युत अपघट्ये के अणुओ तथा आयनो के मध्य साम्यावस्था स्थापित हो जाती है।  
उदहारण : AB ⇋ A+ + B-

6. किसी वैद्युत अपघट्ये के भौतिक तथा रासायनिक गुण उसके आयनो के स्वभाव तथा उसकी आयनन की मात्रा पर निर्भर करते है। 
 
7. किसी वैद्युत अपघट्ये के विलयन की वैद्युत चालकता विलयन में उपस्थित आयनो की संख्या तथा उनके आवेश पर निर्भर करती है। 
यदि आयनो की संख्या अधिक तथा आवेश की मात्रा अधिक है , तो वैद्युत चालकता भी अधिक होगी है।



Saturday, June 27, 2020

Education for 10th class Chemistry Science[NCERT]

➤विरंजक चूर्ण :
💧रासायनिक नाम : कैल्सियम क्लोरोहाइपोक्लोराइट 
💧अणुसूत्र ; CaOCL₂ 
💧अणुभार : 126.9843 

➤(a) प्रयोगशाला विधि : प्रयोगशाला में कैल्सियम क्लोरोहाइपोक्लोराइट बनाने के लिए बुझा चूना Ca(OH)₂ तथा क्लोरीन CL₂ की क्रिया करने पर प्राप्त होता हैं। 
            Ca(OH)₂ + CL₂ → CaOCL₂ + H₂O 


➤(b) औद्योगिक विधियाँ :
 💧हेजेनक्लेवर  विधि ,
💧 बैचमान विधि 


➤भौतिक गुण  : 
💧यह पीले रंग का मिश्रित लवण हैं। 
💧यह जल में अल्पविलेय हैं। 
➤उपयोग :
 💧प्रबल ऑक्सीकारक के रूप में। 
💧जीवणुनाशक के रूप में। 
💧इसका उपयोग यौगिकों के निर्माण में भी किया जाता हैं। 

Friday, June 26, 2020

Education for 10th class chemistry Science[NCERT]

➤खाने का सोडा 
💧रासायनिक नाम : सोडियम बाइकार्बोनेट 
💧अणुसूत्र : NaHCO₃
💧अणुभार : 84.0066 ग्राम मोल 

➤प्रयोगशाला में बनाने को विधि : प्रयोगशाला में सोडियम बाइकार्बोनेट बनाने के लिए सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) तथा कार्बन डाइऑक्सइड (CO₂) की जलीय विलयन में क्रिया कराने पर प्राप्त हो जाता हैं।   
            Na₂CO₃ + CO₂ + H₂O → 2NaHCO₃


➤भौतिक गुण : 
💧यह सफ़ेद रंग का ठोस , विलेय पदार्थ हैं। 
💧इसका जलीय विलयन क्षारीय होता हैं। 
💧गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट  व कार्बन डाइऑक्साइड बनाता हैं। 



➤उपयोग :
💧 प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में। 
💧झागदार पेय पदार्थ बनाने में। 
💧आग बुझाने के यंत्रो में। 
💧ब्रेड बनाने में। 
💧एंटीसेप्टिक के रूप में। 
💧पेट की अम्लता को  दूर करने में। 


Thursday, June 25, 2020

Education for 10th class Chemistry Science[NCERT]

➤धावन सोडा ;
💧रासायनिक नाम : सोडियम कार्बोनेट 
💧अणुसूत्र : Na₂CO₃.10H₂O 
💧अणुभार : 105.9888 ग्राम/मोल 

💧प्रयोगशाला विधि : प्रयोगशाला में सोडियम कार्बोनेट बनाने के लिए कास्टिक सोडा ( NaOH ) के जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड ( CO₂ ) प्रवाहित करने पर सोडियम कार्बोनेट का जलीय विलयन प्राप्त होता हैं। इस विलयन का सान्द्रण करने तथा ठण्डा करने पर  धावन सोडा प्राप्त हो जाता हैं। 
                                   2NaOH + CO₂ → Na₂CO₃ + H₂O 




➤ली - ब्लॉक विधि : यह विधिं निम्न्लिखित पदों में होती हैं :
(a) 2NaCL + H₂SO₄ → Na₂SO₄ + 2HCL 
(b) Na₂SO₄ + 4C + CaCO₃ → CaS + 4CO + Na₂CO₃

➤सोल्वे की अमोनिया विधि :
NH₄OH + CO₂ → NH₄HCO₃
NH₄HCO₃ + NaCL → NH₄CL + NaHCO₃ 
NaHCO₃ → Na₂CO₃ + H₂O + CO₂



➤इस विधि के पद : 
💧 सोडियम कार्बोनेट की औद्योगिक विधियों में किसी उत्प्रेक का प्रयोग नहीं होता हैं।  
💧ली - ब्लॉक विधि में सोडियम कार्बोनेट प्राप्त होता हैं तथा सोल्वे विधि में सोडा ऐश प्राप्त होता हैं। 

➤उपयोग :
 💧 प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में। 
💧कपडे धोने में। 
💧जल की कठोरता को दूर करने में। 
💧खाने का सोडा  बनाने में। 
💧कांच उद्योगों में। 
💧रंजको को बनाने में। 
💧सफेदा बनाने में। 
💧आग बुझाने के यंत्रो में। 









Wednesday, June 24, 2020

Education for 10th class Chemistry Science [NCERT]

                                                                पाठ : २ 
                                                    अम्ल , क्षार व लवण 
                                                       पाठ का सारांश 
(१ ).वैद्युत अपघट्ये  :वे पदार्थ, जिनके जलीय  विलयन में विद्युत प्रवाहित की जाती हैं वैद्युत अपघटय कहलाते तथा यह क्रिया वैद्युत अपघटन कहलाती हैं। 
(२ ). आयनिक सिद्धान्त  : आयनिक सिद्वांत के आधार पर वैद्युत अपघट्ये को जल में घोलने पर वह विद्युत आवेशित कणो में विभाजित हो जाता हैं यह क्रिया आयनिक सिद्धान्त या वैद्युत वियोजन कहलाती हैं। 
(३ ). आयनन की मात्रा : किसी वैद्युत अपघट्ये में अणुओ का भाग जो आयनो के रूप में वियोजित हो जाता हैं आयनन की मात्रा कहलाती हैं। 
                  
                              आयनन की मात्रा  = आयनो में वियोजित अणुओ की संख्या / अणुओ की कुल संख्या 


(४). अम्ल :अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में हाइड्रोजन के आयन (H+) देते हैं लोरी और ब्रोनस्टैड के अनुसार अम्ल वे पदार्थ हैं जो किसी दूसरे पदार्थ को प्रोटॉन दे सके। 
(५ ). भस्म अथवा क्षारक : ये वे पदार्थ हैं जो जलीय विलयन में हाइड्रोक्साइड आयन (OH-) देते हैं लोरी और ब्रोनस्टैड के अनुसार भस्म वे पदार्थ हैं जो किसी दूसरे पदार्थ से प्रोटोन ले सकते हैं। 
(६ ). अम्ल क्षार सूचक : ये पदार्थ हैं जिनका जलीय विलयन में एक रंग होता हैं तथा क्षारीय विलयन में दूसरे रंग में परिवर्तन हो जाता हैं अम्ल क्षार सूचक कहलाते हैं जैसे :फिनोल्फथेलीन ,ऑरेंज ,लिटमस।                                       

(७ ). अम्लों के सामान्य गुण ; (a) इनका स्वाद खट्टा होता हैं। ये संक्षारक तथा जल में विलेय होते हैं। यह नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। 
(b) धातुओं से क्रिया करके H₂ गैस देते हैं_ Zn + H₂SO₄ → H₂+ ZnSO₄
(c) क्षारो से क्रिया करके लवण व पानी बनाते हैं _ HCL + NaOH →NaCL +H₂O 
(८). क्षारो के सामान्य गुण : (a) इनका स्वाद तीखा और जलन उत्पन करने वाला होता हैं संक्षारक तथा जल में विलेय होते हैं।  लाल लिटमस को नीला तथा फिनोल्फथेलीन को गुलाबी कर देते हैं। 
(b) अम्लों से क्रिया करके लवण व जल बनाते हैं _ NaOH + HCL → NaCL+ H₂O 
(c) तेल व वसा से क्रिया करके गिल्सरॉल व साबुन बनाते हैं। 
(९ ). लवण : अम्ल व क्षार के उदासीनीकरण की क्रिया से प्राप्त आयनिक ठोस लवण कहलाते हैं। 
        लवण छह प्रकार के होते हैं जैसे : NaCL , NaHSO₄, Pb(OH)NO₃, NaKSO₄, K₂SO₄. AL₂(SO₄)₃. 24H₂O,  K₄[Fe(CN)₆]. 

             
                                                    

Top most question Chemistry Science 12th class [NCERT2020]

➤औसत वेग : किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपस्थित अभिकारक या उत्पाद के सान्द्रण के प्रति ईकाई समय में होने वाले परिवर्तन को उस अभिक्रिया का औसत...