➤औसत वेग : किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपस्थित अभिकारक या उत्पाद के सान्द्रण के प्रति ईकाई समय में होने वाले परिवर्तन को उस अभिक्रिया का औसत वेग कहते है।
औसत वेग = अभिकारक की सान्द्रता में परिवर्तन / परिवर्तन में लगा समय
➤अभिक्रिया का वेग : वह दर जिसमे समय के साथ अभिकारक पदार्थ का सान्द्रण परिवर्तन होता है , अभिक्रिया का वेग कहलाता है।
➤अभिक्रिया के वेग पर ताप का प्रभाव : ताप वृद्धि पर अभिक्रिया में अभिकारकों के सक्रिय अणुओ की संख्या में वृद्धि हो जाती है। उनके मध्ये प्रभावी टक्करों की संख्या में वृद्धि हो जाती है। इकाई समय में अभिकारक अणुओ की प्रभावी टक्करों की संख्या को अभिक्रिया का वेग कहते है। अतः ताप वृद्धि पर अभिक्रिया के वेग में वृद्धि होती है। ताप बढ़ाने पर वेग स्थिरांक बढ़ जाता है।
➤सक्रियण ऊर्जा : अभिकारक अणुओ के संघट से प्राप्त ऊर्जा की वह अतिरिक्त मात्रा जो अभिक्रिया को संम्पन कराने में पर्याप्त होती है। तथा जिसके फलस्वरूप उत्पाद बनते है। सक्रियण ऊर्जा कहलाती है।
सक्रियण ऊर्जा = देहली ऊर्जा - अभिकारक अणुओ की औसत ऊर्जा
➤ताप का प्रभाव : अभिक्रिया का तापमान बढ़ने के साथ अभिक्रिया की दर में वृद्धि होती है क्योकि तापमान वृद्धि पर अभिकारक के अणुओ की इकाई समय में संघतो की संख्या में वृद्धि हो जताई है।




